Monday, 31 December 2018

Why we celebrate new year

            हम लोग नया साल क्यों मनाते हैं

नया साल मनाने का अर्थ है जिंदगी को नए उत्साह उमंग से शुरू करना। जब नया साल आता है तो हम सोचते हैं कि अपनी जिंदगी में कुछ नया कुछ अलग करें । न्यू ईयर मनाने की परंपरा आज से नहीं बल्कि 4000 वर्ष पुरानी परंपरा है ।आज से 4000 वर्ष पहले भी नया वर्ष मनाया जाता था 4000 साल पहले जो नया वर्ष मनाया जाता था वह एक ही जनवरी को मनाया जाता था क्या




सूर्य और चंद्रमा की चाल पर कैलेंडर बनाए गए हैं और कैलेंडर के मुताबिक महीने होते हैं तथा साल के पहले महीने के पहले दिन नए साल का जश्न मनाया जाता है कैलेंडर सबसे पहले मेसोपोटामिया जो आज इराक देश बना हुआ है।
वहां जो बसंत ऋतु आता था वहां के लोग बसंत रितु को पर्व के रूप में मनाते थे बसंत ऋतु को एक्टू कहा जाता था। ईयर नया साल का जो पर्व था वह रोम  के लोग भी मनाने लगे रोम में दो मुंह वाले भगवान थे जिनका नाम था जेनस 47 ईसा पूर्व की बात है रोम के प्रसिद्ध सम्राट जूलियस सीजर थे जुलियस सीजर ने रोमन कैलेंडर में परिवर्तन कर एक नया कैलेंडर का निर्माण किया जिसका नाम जूलियस कैलेंडर रखा गया इस कैलेंडर में आज जो 12 महीने है वह रखा गया रोमन कैलेंडर में 10 ही महीने होते थे और मार्च महीने से शुरू होता था ना के जनवरी महीने से जुलियस सीजर ने जून कैलेंडर बनाया उसमें पहला नाम जनवरी कर दिया रोमन के भगवान के नाम पर जिनका नाम JANUS था उसके बाद से ही नया साल 1 जनवरी को मनाने लगे लेकिन 1582 में पैप ग्रेगोरियन थर्टी ने एक नया कैलेंडर बनाया। ग्रेगोरियन कैलेंडर जुलियस सीजर का जो कैलेंडर था उसमें लीप ईयर नहीं था पॉप ग्रेगोरियन थर्टी ने जो नया कैलेंडर बनाया था उसमें लीप ईयर को जोड़ दिया गया 365 366 दिन का होता है। हम लोग जो 1 जनवरी को नया साल मनाते हैं वह ग्रेगोरियन कैलेंडर का ही देन है भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग महीने में नया साल मनाया जाता है पंजाब में नया साल 14 अप्रैल यानी बैसाखी के दिन मार्च अप्रैल के महीने में बंगाली और तमिल में नव वर्ष में बनाया जाता है हिंदुओं का नया साल चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन मनाया जाता है जबकि मुसलमानों का नया वर्ष मोहर्रम महीने के पहले दिन को मनाया जाता है।

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